राजनीति में ऐसा बहुत कम होता है कि सत्ता पक्ष के किसी फैसले का विरोधी भी खुलकर समर्थन करें। खासकर आज के दौर में राजनीति के गिरते स्तर को देखते हुए ऐसा लगभग नामुमकिन सा लगता है। लेकिन सुखद आश्चर्य कि बिहार में ऐसा हो रहा है। जी हाँ, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिसकी प्रशंसा उनके धुर विरोधी भी कर रहे हैं। आरजेडी हो या कांग्रेस, सब जैसे उनके मुरीद हो गए हों। दोनों ही दल मुख्यमंत्री के फैसले का दिल खोल कर स्वागत कर रहे हैं।
दरअसल नीतीश कैबिनेट ने मंगलवार को 15 प्रस्तावों पर मुहर लगाई। इनमें एक प्रस्ताव यह भी था कि बिहार में रहने वाली संतान अगर अब अपने माता-पिता की सेवा नहीं करेंगे तो उनको जेल की सजा हो सकती है। माता-पिता की शिकायत मिलते ही ऐसी संतान पर कार्रवाई होगी। यही वह फैसला है जिसका पुरजोर स्वागत हो रहा है। सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्ष भी इसके समर्थन में आ गया है।
नीतीश सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हुए राजद प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा कि माता-पिता का सम्मान हर किसी को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सही है कि आजकल माता-पिता की उपेक्षा आम बात हो गई है। ऐसे में नीतीश सरकार का यह निर्णय सराहनीय है। उधर कांग्रेस ने भी माता-पिता के संबंध में नीतीश कैबिनेट के फैसले का स्वागत किया है। कांग्रेस प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा कि नीतीश सरकार ने अच्छा फैसला लिया है। अब बुजुर्गों के साथ अन्याय नहीं होगा। अच्छा फैसला हमेशा सराहनीय होता है। सरकार अगर अच्छे फैसले लेती है तो स्वागत करना विपक्ष का काम है।
बता दें कि पूर्व में बच्चों द्वारा प्रताडि़त किए जाने वाले माता-पिता को न्याय के लिए जिलों के परिवार न्यायालय में अपील करनी होती थी, जहां सुनवाई प्रधान न्यायाधीश के स्तर पर होती थी। लेकिन अब ऐसे माता-पिता जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित अपील अधिकरण में अपील करेंगे। डीएम ही मामले की सुनवाई करेंगे और माता-पिता की सेवा या सम्मान नहीं करने वाले बच्चों पर कार्रवाई भी होगी।
बोल डेस्क