जापान में बढ़ते बिहार का नया अध्याय लिख रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। मंगलवार को अपने जापान दौरे के दूसरे दिन उन्होंने बिहार राज्य प्रोत्साहन संगोष्ठी को संबोधित किया, एम्बेसी ऑफ इंडिया, टोक्यो में मिथिला पेंटिंग की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और इंडियन पार्लियामेंट्रियन फ्रेंडशिप लीग की बैठक में अध्यक्ष होसादा हिरोयूकी के हाथों सम्मानित हुए। इससे पूर्व सोमवार को वे जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अवे, विदेश मंत्री तारो कोनो, विदेश राज्य मंत्री कजायुकी नकाने और जापान में भारत के राजदूत सुजान चिनौय से मिले थे और वहां के बिहारी प्रवासियों के साथ भी थोड़ा वक्त बिताया था।
नीतीश कुमार की इस यात्रा के बाद नि:संदेह बुलेट ट्रेन का सपना बिहार के लिए हकीकत में तब्दील होता दिख रहा है। वैसे जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अवे से मुलाकात के दौरान नीतीश कुमार ने बिहार में मिनी बुलेट ट्रेन के साथ ही कई अन्य बिन्दुओं पर भी चर्चा की, जिनमें पर्यटन, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण आदि प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने जापान सरकार से बिहार में हाई स्पीड रेल लिंक के निर्माण के संबंध में तकनीकी सहयोग देने की अपेक्षा भी जताई।
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि जापान इंटरनैशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीके) के माध्यम से पटना को गया, बोधगया, राजगीर और नालंदा से जोड़ने का काम चल रहा है, जिसे वैशाली तक बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इससे इसकी प्रासंगिकता और बढ़ेगी और लोगों को सभी बौद्ध स्थलों की यात्रा करने में सुविधा होगी। साथ ही दोनों देशों के बीच पर्यटन की संभावना को और बल मिलेगा।
जापान के विदेश मंत्री तारो कोनो से हुई मुलाकात में नीतीश कुमार ने बिहार से जापान के बीच सीधी विमान सेवा के संचालन के संबंध में विस्तृत बातचीत की। उन्होंंने कहा कि इससे जापान और बिहार के आपसी संबंध और मजबूत होंगे एवं दोनों देशों के पर्यटक यात्रा कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त बिहार के मुख्यमंत्री ने जापान में बिहार को औद्योगिक केन्द्र बनाने की बात बड़ी मजबूती से रखी है ताकि बिहार के मेधावी और मेहनती युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हों। कहने की जरूरत नहीं कि अपने जापान दौरे से बिहार की संभावनाओं को नई उड़ान दे रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।
‘बोल बिहार’ के लिए डॉ. ए. दीप