अमेरिका में समलैंगिक विवाह आंदोलन को सार्थक परिणति तक पहुंचाने वाली एडी विंडसर का जन्म 20 जून 1929 को हुआ था। यह उन्हीं के अथक प्रयत्न का फल था कि 2013 में अमेरिका में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता मिली और आज वहां के विवाहित समलैंगिक जोड़े आम विवाहित जोड़ों की तरह संघीय अधिकारों व सुविधाओं का उपभोग कर रहे हैं। अमेरिका में एक बड़े सामाजिक बदलाव की जननी एडी का 12 सितंबर 2017 को 88 वर्ष की उम्र में देहांत हो गया। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी फेसबुक वॉल पर उन्हें बड़ी आत्मीयता और सम्मान के साथ याद किया है। ‘बोल बिहार’ पर प्रस्तुत है उसी का संक्षिप्त अंश। – डॉ. ए. दीप
समानता की दिशा में अमेरिका की लंबी यात्रा अनगिनत छोटे-छोटे, मगर मजबूत इरादों से रोशन रही है और सच के पक्ष में मुखर असंख्य गुमनाम लोगों की इच्छाशक्ति ने इसमें ईंधन भरने का काम किया। ऐसे लोगों में कुछ एडी विंडसर जैसी मामूली हैसियत वाली शख्सीयतें रहीं। कुछ दिनों पहले मुझे एडी से मिलने और उन्हें एक बार फिर यह बताने का मौका मिला कि वह कितने बडे़ बदलाव की जननी रही हैं। एडी 40 वर्षों से अपनी पार्टनर थीया के साथ प्रेम में थीं। कनाडा में एक समलैंगिक शादी के दो साल के भीतर इन्होंने भी विवाह किया, लेकिन अमेरिका का संघीय कानून ऐसी शादियों को वैध नहीं मानता था – यानि वे विवाहित दंपति को मिलने वाली विशेष सुविधाओं की हकदार नहीं थीं। जब थीया की मृत्यु हुई, तो एडी मुखर हुईं, उन्होंने अपने लिए विशेष व्यवहार की नहीं, बल्कि सामान्य बर्ताव की मांग की, ताकि विवाहित समलैंगिक जोडे़ भी संधीय अधिकारों व सुविधाओं का उपभोग कर सकें।… एडी जैसे लोगों के उठ खड़े होने की वजह से ही मेरी सरकार ने अदालत में ‘डिफेंस ऑफ मैरिज ऐक्ट’ का बचाव बंद कर दिया। 2013 में जिस दिन सुप्रीम कोर्ट ने अमेरिका बनाम विंडसर मामले में फैसला सुनाया, वह एडी व अमेरिका के लिए महान दिन था। उस दिन इंसानी शालीनता, बराबरी, आजादी और न्याय की जीत हुई थी।
बोल डेस्क [बराक ओबामा की फेसबुक वॉल से]