मैं हाल ही में मैक्सिको से लौटी हूं। यह लैटिन अमेरिका का मेरा पहला दौरा था, मैं यहां से ज्यादा से ज्यादा सीखना चाहती थी। मैंने इस पूरे क्षेत्र की लड़कियों को अपनी कहानी साझा करने का न्योता दिया। वहां मुझे 15 साल की सिडनी मिली, जो ओहाका (मैक्सिको का एक शहर) की रहने वाली है। उसने मुझे कम उम्र में शादी, गरीबी और मर्दवादी संस्कृति के बारे में बताया, जिसके कारण उसकी सहेलियां स्कूल जाने से वंचित रह गईं। सिडनी के दादाजी ने जब उससे कहा कि उसकी भूमिका खाना पकाने और साफ-सफाई करने की ही है, तो सिडनी ने उन्हें स्कूल जाने के फायदे बताए और उन्हें अपनी दलीलों से कायल किया। सिडनी की दादी की शादी भी 15 साल में हो गई थी। उन्होंने स्कूल का मुंह नहीं देखा था और जिंदगी भर अनपढ़ रहीं, इसलिए सिडनी ने अपनी पढ़ाई पूरी कर खानदान की औरतों को फख्र महसूस कराने का इरादा बांधा। लेकिन उसके तबके के लोगों का मानना था कि लड़कियां पढ़ने-लिखने में समर्थ नहीं होतीं, इसलिए उनकी जल्द शादी कर देनी चाहिए। मैक्सिको में लगभग आधी लड़कियां हाई स्कूल के बाद ग्रेजुएट नहीं कर पातीं। सिडनी के शहर में कोई शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं है, वह यह डिग्री हासिल कर बच्चों की सेवा करना चाहती है। मैं जानती हूं, वह कर सकती है – हमारी मदद से। क्या आप भी उसकी मदद करेंगे?
बोल डेस्क [मलाला युसुफज़ई की वेबसाइट से]