नीतीश कुमार की नई टीम के शपथ-ग्रहण के साथ बिहार में चल रही राजनीतिक अनिश्चितता और नाटकीय घटना-क्रम का पहला दौर पूरा हो गया दिखता है। पॉलिटिकल ड्रामा के दूसरे चरण की बात करें तो वह ‘विश्वासघात’ का आरोप लगा रही आरजेडी की रणनीति, मंत्रिमंडल में हम और रालोसपा को जगह न मिल पाने के कारण जीतन राम मांझी और उपेन्द्र कुशवाहा की नाराजगी और नीतीश द्वारा ‘विश्वास’ में न लिए जाने के कारण शरद यादव की चुप्पी पर निर्भर कर रहा है।
शनिवार को नीतीश की नई टीम में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के बाद कुल 27 मंत्रियों को जगह मिली, जिनमें 14 जेडीयू, 12 भाजपा और 1 लोजपा के हैं। गौरतलब है कि लोजपा से शपथ लेने वाले पशुपति कुमार पारस फिलहाल विधायक नहीं हैं, लेकिन रामविलास पासवान उनके लिए जगह बनवाने में सफल रहे, जबकि मांझी और कुशवाहा की अपनी-अपनी पार्टी के लिए यह इच्छा पूरी नहीं हो पाई।
बहरहाल, चलिए एक नज़र डालते हैं सारे मंत्रियों और उनके विभागों पर – 1. नीतीश कुमार – गृह, सामान्य प्रशासन, निगरानी, 2. सुशील कुमार मोदी – वित्त, वाणिज्य कर, वन एवं पर्यावरण, आईटी, 3. बिजेन्द्र प्रसाद यादव – ऊर्जा, उत्पाद व मध्य निषेध, 4. प्रेम कुमार- कृषि, 5. नंदकिशोर यादव – पथ निर्माण, 6. राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह – जल संसाधन, योजना विकास, 7. श्रवण कुमार – ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य, 8. राम नारायण मंडल – राजस्व व भूमि सुधार, 9. जय कुमार सिंह – उद्योग व विज्ञान प्रौद्योगिकी, 10. मंगल पांडेय – स्वास्थ्य, 11. प्रमोद कुमार – पर्यटन, 12. कृष्ण नंदन वर्मा – शिक्षा, 13. महेश्वर हजारी – भवन निर्माण, 14. विनोद नारायण झा – पीएचईडी, 15. शैलेश कुमार – ग्रामीण कार्य, 16. सुरेश शर्मा – नगर विकास एवं आवास, 17. मंजू वर्मा – समाज कल्याण, 18. विजय कुमार सिन्हा – श्रम संसाधन, 19. संतोष कुमार निराला – परिवहन, 20. राणा रंधीर सिंह – सहकारिता, 21. खुर्शीद आलम उर्फ फिरोज अहमद – अल्पसंख्यक कल्याण व गन्ना उद्योग, 22. विनोद कुमार सिंह – खान व भूतत्व, 23. मदन सहनी – खाद्य एवं उपभोक्ता मामले, 24. कपिल देव कामत – पंचायती राज, 25. दिनेश चन्द्र यादव – लघु सिंचाई, आपदा प्रबंधन, 26. रमेश ऋषिदेव – अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग, 27. पशुपति कुमार पारस – पशु एवं मत्स्य पालन विभाग, 28. कृष्ण कुमार ऋषि – कला-संस्कृति, 29. ब्रिजकिशोर बिंद – पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा विभाग।
सभी मंत्रियों को ‘बोल बिहार’ की शुभकामनाएं। हमें उम्मीद है कि नीतीश कुमार अपनी नई टीम के साथ सात निश्चय समेत अपने सभी निश्चयों को पूरा करेंगे, जिनमें बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाना भी शामिल है। अब जबकि राज्य और केन्द्र का ‘दिल-दिमाग’ एक है, इसमें किसी ‘व्यवधान’ या ‘विलम्ब’ का प्रश्न नहीं उठना चाहिए।
‘बोल बिहार’ के लिए डॉ. ए. दीप