2016 में बनी हिन्दी फिल्मों को पुरस्कृत करने का कोई समारोह हो और पुरस्कार की किसी भी कैटेगरी में ‘दंगल’, ‘सुल्तान’, ‘रुस्तम’, ‘एयरलिफ्ट’ और ‘काबिल’ जैसी फिल्मों का जिक्र न हो, तो क्या कहेंगे आप? क्या इन फिल्मों के बगैर उस साल की सूची पूरी हो सकती है? अब ऐसा होने के पीछे कारण चाहे ‘तकनीकी’ ही क्यों न हो, ‘बू’ ‘राजनीति’ की आती है और समारोह की साख पर बट्टा भी लगता है।
बहरहाल, कई महत्वपूर्ण फिल्मों की अनुपस्थिति के बीच न्यूयार्क में आयोजित 2017 के आईफा अवार्ड समारोह में ‘उड़ता पंजाब’ और ‘ऐ दिल है मुश्किल’ की धूम रही। फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ के लिए जहां शाहिद कपूर ने बेस्ट एक्टर, आलिया भट्ट ने बेस्ट एक्ट्रेस और दिलजीत दोसांझ ने बेस्ट डेब्यू मेल का अवार्ड जीता, वहीं ‘ऐ दिल है मुश्किल’ को बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर (प्रीतम), बेस्ट लिरिक्स (‘चन्ना मेरेया’ गाने के लिए अमिताभ भट्टाचार्य) और बेस्ट प्लेबैक सिंगर – मेल (‘बुलेया’ गाने के लिए अमित मिश्रा) का अवार्ड मिला। बेस्ट फिल्म का पुरस्कार ‘नीरजा’ को और बेस्ट डायरेक्टर का पुरस्कार अनिरुद्ध राय चौधरी (‘पिंक’) को मिला।
अपने चलुबुले अभिनय से बॉलीवुड में जगह बनाने वाले वरुण धवन को फिल्म ‘ढिशुम’ के लिए बेस्ट एक्टर इन कॉमिक रोल का अवार्ड मिला। वहीं फिल्म ‘नीरजा’ के लिए जिम सरभ ने बेस्ट परफॉरमेंस इन नेगेटिव रोल का पुरस्कार जीता। ‘पिंक’ में अपनी अदाकारी से दर्शकों का दिल जीतने वाली तापसी पन्नू को इस फिल्म के लिए ‘वुमेन ऑफ द इयर’ के खिताब से नवाजा गया, तो लगातार सफल फिल्में दे रहीं आलिया भट्ट ने ‘मिंत्रा स्टाइल आइकॉन’ का खिताब अपने नाम किया।
फिल्म ‘एमएस धोनी’ के लिए दिशा पाटनी को बेस्ट डेब्यू फीमेल का अवार्ड दिया गया। वहीं अनुपम खेर ने इसी फिल्म के लिए बेस्ट एक्टर इन सपोर्टिंग रोल का पुरस्कार जीता। बेस्ट एक्ट्रेस इन सपोर्टिंग रोल का पुरस्कार ‘नीरजा’ के लिए शबाना आजमी को मिला। वहीं संगीतकार एआर रहमान को बॉलीवुड में 25 सालों के योगदान के लिए विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया। फिल्म ‘कपूर एंड संस’ के लिए देवित्रे ढिल्लन और शकुन बत्रा को बेस्ट स्टोरी का पुरस्कार मिला। कनिका कपूर (‘उड़ता पंजाब’) और तुलसी कुमार (‘एयरलिफ्ट’) ने संयुक्त रूप से बेस्ट प्लेबैक सिंगर – फीमेल का पुरस्कार जीता।
इस साल के समारोह को होस्ट किया करण जौहर, सैफ अली खान, रितेश देशमुख और मनीष पॉल ने। जबकि सलमान खान, कैटरीना कैफ, शाहिद कपूर, वरुण धवन, आलिया भट्ट, सुशांत सिंह राजपूत जैसे सितारों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं। फिर भी चमक फीकी रही और कुछ खोया-खोया-सा लगा। ‘दंगल’, जिसके बगैर अब भारतीय सिनेमा और उसके इतिहास का ही जिक्र अधूरा रहेगा, उसके बगैर आप साल 2016 के सिनेमा की बात करें, तो क्या अर्थ रह जाएगा उसका! और न ही इस बात का कोई मतलब रहेगा कि आपने समारोह नाला सोपारा में मनाया या न्यूयार्क में।
‘बोल बिहार’ के लिए रूपम भारती