राजस्थान के सुंदर सिंह गुर्जर ने लंदन में शुरू हुए वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भाला फेंक का गोल्ड मेडल जीत कर इतिहास रच दिया। वे इस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय हैं। गुर्जर ने यह कमाल चैम्पियनशिप के पहले ही दिन भाला फेंक की एफ-46 प्रतियोगिता में किया। गौरतलब है कि पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता देवेन्द्र झाझरिया की गैरमौजूदगी में सारा दारोमदार गुर्जर के ऊपर था। ऐसे में उनके जीते सोने की चमक और बढ़ जाती है। बता दें कि देवेद्र झाझरिया इस प्रतियोगिता के लिए क्वालिफाई नहीं कर सके थे।
बहरहाल, इस स्पर्द्धा में सुंदर सिंह गुर्जर ने निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ सोना अपने नाम किया और विश्व चैम्पियन बने। उन्होंने 60.36 मीटर तक भाला फेंका। जबकि श्रीलंका के दिनेश प्रियांथा हेराथ 57.93 मीटर के साथ दूसरे और पूर्व चैम्पियन चीन के गुओ चुनलियांग 56.14 मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहे। पदक जीतने के बाद सुंदर ने कहा, “मैं जीतना चाहता था। मेरे दिमाग में बस यही था। मैं इस दिन के लिए पिछले चार साल से तैयारी कर रहा था।”
राजस्थान के करौली जिले से आने वाले गुर्जर की यह जीत उनके जख्म पर मरहम की तरह है। बता दें कि सुंदर ने रियो पैरालम्पिक के लिए भी बड़ी तैयारी की थी। लेकिन स्पर्द्धा वाले दिन अलग तरीके से उच्चारण के कारण घोषणा के वक्त अपने नाम को नहीं समझ सके। जब तक उन्हें पता चला कि उनके नाम की उद्घोषणा हो चुकी है, तब तक काफी देर हो चुकी थी। इसके बाद दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से वह डिस्क्वालिफाई हो गए।
वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में गुर्जर की सुनहरी सफलता ने भारतीय उम्मीदों को पंख लगा दिए हैं। 14 से 23 जुलाई के बीच चलने वाली इस प्रतियोगिता में भारत की झोली में अभी और पदक गिरने की उम्मीद है। रियो पैरालम्पिक में शानदार प्रदर्शन करने वाले मरियप्पन थंगावेलू, दीपा मलिक और वरुण सिंह भाटी की ओर से भी पूरे देश को अच्छी ख़बर की प्रतीक्षा है।
‘बोल बिहार’ के लिए डॉ. ए. दीप