अपनी विदेश यात्राओं के लिए खास तौर पर चर्चा रहने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक बार फिर तीन देशों की यात्रा पर जा रहे हैं। शनिवार सुबह वे पुर्तगाल, अमेरिका और नीदरलैंड्स के लिए रवाना हो जाएंगे। पर जैसा कि स्वाभाविक है, सबकी निगाहें उनकी अमेरिका यात्रा पर रहेंगी, क्योंकि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद ये उनका पहला अमेरिकी दौरा है। हालांकि इससे पहले दोनों नेताओं के बीच करीब तीन बार फोन पर बातचीत हो चुकी है।
विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 25 जून को वाशिंगटन पहुंचेंगे। इस दिन वे कारोबार जगत के लोगों से मिलेंगे और इसी दिन कम्यूनिटी इवेंट भी होगा। वहीं 26 जून की सुबह प्रधानमंत्री अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलेंगे और दोपहर में राष्ट्रपति ट्रंप से उनकी मुलाकात और बातचीत होगी।
कहा जा रहा है कि मोदी की ये यात्रा उनकी पिछली यात्राओं की तरह ‘चकाचौंध’ वाली नहीं होगी। इस बार वे साल 2014 के बहुचर्चित मैडिसन स्कवॉयर कार्यक्रम की तरह भारतीय मूल के लोगों से हाई-प्रोफाइल मुलाकात नहीं करेंगे। वहां उनका कार्यक्रम ‘सादा और संक्षिप्त’ रहने की संभावना है। बताया जा रहा है कि ऐसा ‘समय की कमी’ और ‘अनुकूल वातावरण न होने’ के कारण किया जा रहा है।
बहरहाल, ट्रंप और मोदी की मुलाकात के दौरान द्विपक्षीय हितों के अतिरिक्त जिन मुद्दों पर बातचीत संभावित है उनमें एच-1बी वीजा का मुद्दा भी शामिल है। इस संबंध में भारत अपनी चिन्ता जता सकता है। गौरतलब है कि इस वीजा का इस्तेमाल भारतीय आईटी कंपनियां करती हैं और ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान इस वीजा प्रोग्राम के ‘दुरुपयोग’ को बड़ा मुद्दा बनाया था। इसके अलावा पाकिस्तान की ओर से प्रायोजित आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन समझौता भी चर्चा के संभावित बड़े मुद्दे हैं।
बहरहाल, ओबामा शासन के दौरान मोदी और ओबामा की रिकॉर्ड आठ बार मुलाकात हुई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाशिंगटन का तीन बार दौरा किया था, जबकि साल 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति ओबामा भारत आए थे। अब जबकि दोनों देशों के संदर्भ व हालात में खासा बदलाव आ चुका है, ये देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप मोदी के लिए कितनी गर्मजोशी और आत्मीयता दिखाते हैं। कहना गलत न होगा कि मोदी के इस अमेरिकी दौरे पर उनके समर्थकों और विरोधियों की नज़र एक साथ टिकी होगी।
‘बोल बिहार’ के लिए डॉ. ए. दीप’