पूरे देश के लिए अच्छी ख़बर। श्रीनगर में हुई जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक में रोजमर्रा की चीजों पर टैक्स रेट घटाने का फैसला लिया गया। नए टैक्स सिस्टम के तहत कई जरूरी चीजों की कीमतें कम हो जाएंगी। अनाज और दूध को टैक्समुक्त कर दिया गया है। प्रोसेस्ड फूड भी सस्ते हो जाएंगे। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि “किसी भी वस्तु पर टैक्स की बढ़ोतरी नहीं की गई है। कई चीजों पर टैक्स की दरें कम हो जाएंगी। विचार यह है कि जीएसटी का असर महंगाई बढ़ाने वाला ना हो।”
गुड्स टैक्स की अन्य खास बातें
- राजस्व सचिव द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 1211 वस्तुओं में से 7% को छूट के दायरे में रखा गया है, जबकि 14% वस्तुओं को 5% टैक्स के दायरे में, 17% वस्तुओं को 12% टैक्स के दायरे में और 43% वस्तुओं को 18% टैक्स के दायरे में रखा गया है। शेष 19% वस्तुओं पर 28% टैक्स देना होगा।
- मिठाई, खाद्य तेल, चीनी, चायपत्ती, कॉफी और कोयले को 5% टैक्स स्लैब में रखा गया है। हेयर ऑइल, टूथ पेस्ट और साबुन पर 18% टैक्स लगाया जाएगा। अभी इन पर 28% टैक्स लगता है। कोयले और मसालों पर भी 5% टैक्स लगेगा। एंटरटेनमेंट, होटल और रेस्टोरेंट में खाने पर 18% टैक्स लगेगा।
- छोटी कारों पर 28% टैक्स के अलावा सेस लगाया जाएगा। लग्जरी कारों पर टैक्स के अलावा 15% सेस जोड़ा जाएगा। एसी और फ्रिज को भी 28% टैक्स दायरे में रखा गया है। हालांकि अभी इन पर 30-31% टैक्स लगता है। सोने (गोल्ड) के टैक्स स्लैब पर तीन जून को विचार किया जाएगा।
ये तो हुई गुड्स टैक्स की बातें। सर्विसेज की बात करें तो यहां भी जीएसटी की 4 दरें 5%, 12%, 18%, 28% रखी गई हैं। हेल्थकेयर और एजुकेशन को सर्विस टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है। ट्रांसपोर्ट सर्विस पर 5% टैक्स लगाया जाएगा, तो लग्जरी सेवाओं पर 28 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा। फोन बिल पर 18% टैक्स देना पड़ेगा।
सर्विस टैक्स की अन्य खास बातें
- इकॉनमी क्लास में हवाई यात्रा पर 5% और बिजनेस क्लास पर 12% जीएसटी लगेगा। मेट्रो, लोकल ट्रेन में सफर और धार्मिक यात्राओं को जीएसटी से छूट मिलेगी। सामान्य श्रेणी या नॉन एसी रेल यात्रा को जीएसटी से छूट दी गई है, जबकि एसी टिकटों पर 5% शुल्क लगेगा। ओला-ऊबर जैसी ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विस पर 5% टैक्स लगेगा।
- 1000 से कम किराए वाले होटल्स जीएसटी के दायरे से बाहर होंगे। 2500-5000 किराए वाले होटल्स 18% टैक्स के दायरे में होंगे। 5000 से ऊपर के किराए वाले फाइव स्टार होटल्स पर 28% टैक्स लगेगा। 1000-2500 वाले होटल्स और नॉन एसी रेस्तरां पर 12% सर्विस टैक्स लगेगा।
- एंटरटेनमेंट टैक्स का सर्विस टैक्स में विलय कर दिया गया है।सिनेमा हॉल्स, सट्टेबाजी, रेसकोर्स पर 28% टैक्स लगेगा। सिनेमा हॉल के लिए प्रस्तावित टैक्स दरें मौजूदा दरों की तुलना में 40 से 55 प्रतिशत तक कम है। लॉटरी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
जीएसटी काउंसिल के ये फैसले निश्चित रूप से देशवासियों को बड़ी राहत देने वाले हैं। इसके लिए केन्द्र सरकार बधाई की पात्र है। वहीं, इसके लिए बिहार सरकार को भी साधुवाद मिलना चाहिए क्योंकि बिहार विधानमंडल ने इस बिल को ध्वनिमत से पारित कर भेजा था और तमाम राजनैतिक विरोध के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसके पक्ष में मजबूती से खड़े रहे थे।
‘बोल बिहार’ के लिए डॉ. ए. दीप