मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर सात निश्चय में से एक हर घर बिजली योजना के प्रति अपना संकल्प दोहराया है और आश्वस्त किया है कि इस साल के अंत तक हर बसावट में और 2018 के अंत तक हर घर में बिजली पहुंच जाएगी।गुरुवार को मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद कक्ष में रिमोर्ट के द्वारा रिकार्ड 2650 करोड़ की बिजली परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन व लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आधारभूत संरचना के क्षेत्र में काफी बदलाव आया है। हम कहां से कहां आ गए। 45 ग्रिड से 112 हो गई और साल के अंत तक 158 हो जाएगी। राज्य में हजार मेगावाट की खपत क्षमता बढ़कर 7000 मेगावाट हो गई है। इस साल के अंत तक यह क्षमता 8000 मेगावाट हो जाएगी। नीतीश ने कहा कि अभी तो हम यात्रा पर हैं। यात्रा पूरी होने तक इंतजार करें, फिर लोगों को गुणवत्तापूर्ण बिजली देना लक्ष्य है।
विस्तृत जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि अभी लगभग 633 गांवों में बिजली नहीं पहुंची है। ऊर्जा विभाग द्वारा बताया गया है कि पटना, सारण, खगड़िया आदि के 157 गांव जो दियारा क्षेत्र में पड़ते हैं वहां ट्रांसमिशन टावर के माध्यम से बिजली पहुंचाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा विभाग द्वारा यह भी बताया गया है कि पश्चिम चम्पारण सहित अन्य जिलों के 218 गांव जो दुर्गम क्षेत्र में हैं वहां भी सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली पहुंचाने के लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है।
इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने बिजली वितरण के फ्रेंचाइजी मॉडल पर नाराजगी जताते हुए कहा कि मुजफ्फरपुर के 24 गांव और भागलपुर के 6 गांव जो फ्रेंचाइजी के क्षेत्र में पड़ते हैं, वहां विद्युतीकरण का काम रुका हुआ है। उसे भी जल्द पूरा करना है। उन्होंने कहा कि मेरी राय में फ्रेंचाइजी का काम ही बेकार है। राज्य सरकार की मंशा फ्रेंचाइजी से मुक्ति पाने की है। फ्रेंचाइजी वितरण प्रणाली के कारण ही कुछ गांवों के विद्युतीकरण का कार्य पूरा नहीं हो सका है।
इस अवसर पर नीतीश कुमार ने जनता से ये अपील भी की कि बिना जरूरत बिजली की खपत न करें, जितना जरूरी हो उतना ही बिजली का उपयोग करें। उन्होंने विभाग को इसके लिए जागरुकता अभियान चलाने की भी सलाह दी। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, ऊर्जा एवं वाणिज्य कर मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
बोल डेस्क