राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता को मजबूत करने के प्रयासों का विस्तार अब दक्षिण तक हो गया है। बीते 1 मई – प्रखर समाजवादी नेता मधु लिमये के जन्मदिन – के बाद 3 जून – डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि का जन्मदिन – इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। जी हां, विपक्षी एकता की कवायद में लगे बिहार के दो बड़े नेता – नीतीश और लालू – इस दिन देश के विभिन्न हिस्सों से जुट रहे नेताओं के साथ चेन्नई में होंगे। गौरतलब है कि करुणानिधि की बेटी और राज्यसभा सदस्य कनिमोझी ने शुक्रवार को पटना में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की और 3 जून को चेन्नई में आयोजित करुणानिधि के जन्मदिन कार्यक्रम का निमंत्रण पत्र सौंपा, जिसे दोनों नेताओं ने स्वीकार कर लिया।
जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने बताया कि कनिमोझी ने फोन पर जेडीयू अध्यक्ष नीतीश की बात डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन से कराई। त्यागी ने बताया कि नीतीश ने करुणानिधि के जन्मदिन के अवसर पर चेन्नई में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लेने का निमंत्रण स्वीकार करने के साथ-साथ आगामी राष्ट्रपति चुनाव में एक ही उम्मीदवार को समर्थन देने और भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ मत देने का विचार भी साझा किया।
बता दें कि कनिमोझी ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी व राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से भी उनके आवास पर मुलाकात की और जन्मदिन के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया। इस मौके पर लालू ने भी राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा के विरुद्ध एकजुट होने पर चर्चा की। जन्मदिन के निमंत्रण की बाबत लालू ने कहा कि वे कार्यक्रम में शामिल होंगे क्योंकि उनको हमेशा करुणानिधि का प्यार और स्नेह मिलता रहा है। वैसे भी लालू राजनीति की नब्ज को पहचानते हैं। उन्हें पता है कि करुणानिधि के जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम में विपक्षी एकता का प्रयास एक ‘निर्णायक’ स्वरूप ले सकता है। ऐसे में इस अवसर पर अपनी मौजूदगी वे स्वाभाविक रूप से चाहेंगे।
‘बोल बिहार’ के लिए डॉ. ए. दीप