संसद के दोनों सदनों से पारित जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स – वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम) विधेयक पर सोमवार को बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों ने मुहर लगा दी। इस बिल को पारित करने के लिए बुलाए गए विशेष सत्र में पहले विधानसभा और फिर विधान परिषद् ने इसे पारित किया। इस विशेष सत्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत सभी मंत्री और पक्ष-विपक्ष के सभी सदस्य मौजूद थे।
विधेयक को सदन पटल पर रखते हुए ऊर्जा एवं वाणिज्य कर मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि जीएसटी के लिए किसी एक दल को क्रेडिट देना ठीक नहीं है। अन्ना डीएमके को छोड़ सभी दलों ने इस पर सहमति दी है। सच अपनी जगह कायम रहता है। वे (नरेन्द्र मोदी) जब सीएम थे तो गुजरात, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ ने इसका विरोध किया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आरंभ से ही जीएसटी कानून के पक्ष में अडिग रहे हैं। भारत वर्ष में एक कर प्रणाली लागू होने से देश को लाभ होगा।
चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार ने कहा कि जीएसटी विधेयक के पारित होने से ‘एक देश एक कर’ की कल्पना साकार होगी और वस्तुओं की कीमतों में कमी आएगी। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं वित्तमंत्री अरुण जेटली का आभार जताया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया। वहीं, विधान परिषद् में सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री का आभार जताया।
विधेयक का स्वागत करते हुए कांग्रेस नेता सदानंद सिंह ने कहा कि कांग्रेस तो इसे 1 अप्रैल 2010 से ही लागू करना चाहती थी। 2006 में तत्कालीन वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने बजट में इसका प्रस्ताव किया था, लेकिन तब विपक्ष में बैठी भाजपा ने इसका विरोध किया था। हमारी पार्टी हमेशा सकारात्मक भूमिका के लिए जानी जाती है। इसलिए हम इस विधेयक का समर्थन करते हैं।
विधेयक के ध्वनिमत से पारित होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानमंडल के सदस्यों को बधाई दी और कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण है। बिहार सरकार और दोनों सदन निरंतर इस कानून के पक्ष में खड़े रहे। खुशी की बात है कि इसे सर्वसम्मति से पारित किया गया।
बोल डेस्क