पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में बिहार दिख रहा है – नशामुक्ति का संदेश देता, हर क्षेत्र में नई अंगड़ाई लेता, अतीत के लिए गौरव, वर्तमान के लिए विश्वास और भविष्य के लिए आस्था जगाता बिहार। 2009 से शुरू हुआ था समारोहपूर्वक बिहार दिवस को मनाने का सफर। 2017 आते-आते ये समारोह जितना भव्य हो चुका है, उतना ही सार्थक भी। बिहार और बिहारियों की अनगिनत उपलब्धियों का ये आईना हो गया हो जैसे। बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तीन दिवसीय आयोजन का उद्घाटन करते हुए बिहारवासियों का आह्वान किया कि वे तन्मयता एवं मजबूती से देश की सेवा कर उसका नाम रोशन करें।
इस अवसर पर नीतीश ने कहा कि देश के जिस कोने में चले जाएं, वहां आपको बिहारी मिल जाएंगे। ये किसी पर बोझ नहीं, जहां रहते हैं, वहां का बोझ उठाते हैं। दिल्ली में तो इतने बिहारी हैं कि अगर वह ठान लें कि आज काम नहीं करेंगे तो पूरी दिल्ली ठप हो जाएगी। हर प्रदेश में बिहार के आईएएस-आईपीएस-चिकित्सक समेत सभी क्षेत्रों में लोग दिखते हैं। इस गौरव का प्रकटीकरण करने के लिए ही 2009 से बिहार दिवस मनाना शुरू किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार का बिहार दिवस खास है। यह नशामुक्ति को समर्पित है। पिछले वर्ष 5 अप्रैल से राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू हुई जिसका समाज पर बहुत सकारात्मक असर पड़ा है। मानव-श्रृंखला में चार करोड़ से अधिक लोगों ने भाग लेकर इस अभियान के पक्ष में जोरदार एकजुटता दिखाई। अब तो दूसरे राज्यों में भी शराबबंदी की मांग मजबूती से उठने लगी है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य के विश्वविद्यालयों और अंगीभूत कॉलेजों में मुफ्त वाईफाई सुविधा को लागू किया। उन्होंने कहा कि आज इंटरनेट का जमाना है। वाईफाई के माध्यम से युवा अपने ज्ञान को और बढ़ाएंगे। इंटरनेट के उपयोग में बाधा नहीं हो, इसके लिए उक्त संस्थानों में सोलर पावर भी उपलब्ध कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2017-18 से 12वीं के बाद शिक्षा ग्रहण करने के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग को छात्रवृत्ति देने की भी घोषणा की।
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए शिक्षामंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने शिक्षा के क्षेत्र में हुए कार्यों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां केन्द्र सरकार शिक्षा का बजट कम कर रही है, वहीं दूसरी ओर बिहार में शिक्षा पर बजट का सबसे बड़ा हिस्सा खर्च हो रहा है। इस बार शिक्षा पर 25 हजार करोड़ खर्च किए जाएंगे। शिक्षामंत्री ने विश्वविद्यालय आयोग का गठन कर व्याख्याताओं की नियुक्ति शीघ्र पूरा करने की बात भी कही।
समारोह में विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, मदनमोहन झा, शिवचंद्र राम, जय कुमार सिंह, अवधेश कुमार सिंह, संतोष कुमार निराला, कपिलदेव कामत, अब्दुल गफूर, मदन सहनी, रामविचार राय, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह एवं डीजीपी पीके ठाकुर समेत कई गणमान्य लोग शामिल हुए। हां, इतने खास मौके पर आरजेडी सुप्रीमो लालू और उनके परिवार की अनुपस्थिति – खासकर सरकार में शामिल उनके दोनों बेटों की – खलने वाली थी। खैर, चलते-चलते सभी बिहारवासियों को बिहार-दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। जय बिहार।
बोल डेस्क