क्या आतंकवाद से त्रस्त पाकिस्तान और गरीबी से जूझ रहे नेपाल में खुशहाल लोगों की संख्या भारत की अपेक्षा ज्यादा है? जी हां, कम-से-कम संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट तो यही कहती है! अब आप चाहे जितना आश्चर्य (या रोष या चिन्ता या दुख) व्यक्त करें, इस रिपोर्ट में दी गई सर्वाधिक खुशहाल देशों की वैश्विक सूची में भारत को 122वें पायदान पर रखा गया है। जबकि 80वें स्थान के साथ पाकिस्तान और 99वें स्थान के साथ नेपाल इस सूचकांक में भारत से बेहतर स्थिति में हैं। वहीं, विश्व खुशहाली सूची में नॉर्वे को पहला स्थान मिला है। नॉर्वे के बाद डेनमार्क, आइसलैंड, स्विटजरलैंड और फिनलैंड विश्व के शीर्ष पांच खुशहाल देशों में शामिल हैं।
बहरहाल, सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, भारत तीन पायदान नीचे सरक आया है। पिछले वर्ष यह 118वें स्थान पर था। बल्कि देखा जाय तो यह दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के अधिकांश देशों से पीछे है। पाकिस्तान और नेपाल की बात तो हम कर ही चुके हैं, भूटान (97), बांग्लादेश (110) और श्रीलंका (120) से भी हम पीछे हैं। संकटग्रस्त अफगानिस्तान जरूर 141वें स्थान पर है। रही बात मालदीव की, तो विश्व खुशहाली रिपोर्ट में उसे जगह ही नहीं मिल पाई।
बता दें कि वार्षिक विश्व खुशहाली सूची में कुल 155 देशों को मापा गया। इन देशों को मापने वाले कारकों में गैरबराबरी, जीवन प्रत्याशा, प्रति व्यक्ति जीडीपी, लोक विश्वास (यानी भ्रष्टाचार मुक्त सरकार और व्यापार) और सामाजिक समर्थन शामिल रहे। इस बार नॉर्वे, डेनमार्क को पीछे धकेलते हुए दुनिया के सर्वाधिक खुश देशों में पहले स्थान पर पहुंच गया। नॉर्वे पिछले वर्ष की सूची में चौथे स्थान पर था, लेकिन इस बार वह कई प्रमुख गणनाओं के आधार पर शीर्ष स्थान पर पहुंचने में कामयाब रहा। इनमें देखभाल, जीवन के निर्णय लेने की आजादी, मिलनसारता, अच्छे शासन, ईमानदारी, स्वास्थ्य और आय के स्तर को आधार बनाया गया।
चलते-चलते बता दें कि इन दिनों घोर उथल-पुथल से गुजर रहे सीरिया का स्थान 155 देशों में 152वां है। जबकि यमन और दक्षिण सूडान क्रमश: 146वें और 147वें स्थान पर हैं। मध्य अफ्रीकी गणराज्य अंतिम पायदान पर है।
‘बोल बिहार’ के लिए रूपम भारती