बिहार में अब घर-घर ‘गांधी दस्तक’ होगी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की चम्पारण यात्रा के शताब्दी समारोह को बिहार बड़े पैमाने पर आयोजित करेगा। इस सिलसिले में 3 फरवरी को एक अणे मार्ग में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी के समर्थन में बनाई गई मानव-श्रृंखला और प्रकाश-पर्व की तरह चंपारण शताब्दी समारोह भी ऐतिहासिक होगा। उन्होंने कहा कि बिहार जो संकल्प लेता है उसे पूरी शिद्दत के साथ जमीन पर उतारता है। चंपारण शताब्दी समारोह को बिहार अपने सपने, अपनी राशि और अपनी योजना के मुताबिक मनाएगा। केन्द्र सरकार इस आयोजन में सहयोग करे अथवा नहीं, आयोजन राष्ट्रीय स्तर का होगा।
गौरतलब है कि चंपारण सत्याग्रह के सौ साल पूरे होने पर 10 अप्रैल 2017 से एक साल तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। बकौल मुख्यमंत्री इन कार्यक्रमों का मकसद गांधीजी को शोकेस करना नहीं बल्कि उनके विचारों-संदेशों को जन-जन तक पहुँचाना है। बैठक के दौरान उन्होंने घर-घर ‘गांधी दस्तक’ पहुँचाने की बात कही। एक पन्ने के इस ‘दस्तक’ में गांधीजी के संदेश होंगे। साथ ही उन्होंने बताया कि इस बार का बिहार दिवस भी गांधीजी को समर्पित होगा।
शताब्दी समारोह को यादगार बनाने के लिए बिहार सरकार कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही। बता दें कि चंपारण यात्रा के क्रम में गांधीजी का बिहार में जो रूट रहा है, उन मार्गों पर कला-संस्कृति विभाग हेरिटेज वॉक आयोजित करेगा। इसके अतिरिक्त संस्कृति विभाग गांधीजी पर आधारित फिल्मों का प्रदर्शन करेगा, पर्यटन विभाग डॉक्यूमेंट्री व शिलालेख बनवाएगा, गांधीजी, बत्तख मियां, राजकुमार शुक्ल व पीर मोहम्मद यूनिस पर किताबें व गांधीजी पर केन्द्रित 100 कहानियां प्रकाशित की जाएंगी और गांधीजी के जीवन पर आधारित कठपुतली नृत्य एवं विद्यालयों में गांधी कथावाचन का आयोजन किया जाएगा।
साल भर चलने वाले शताब्दी समारोह की तैयारी पर हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री के अतिरिक्त शिक्षामंत्री अशोक चौधरी, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा एवं गांधी संग्रहालय के सचिव रजी अहमद समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
बोल डेस्क