डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले ली। बीते शुक्रवार 20 जनवरी 2017 को व्हाइट हाउस में आयोजित एक शानदार कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश जॉन राबर्ट्स ने ट्रंप को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। इससे पहले माइक पेंस ने उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। लगभग 10 लाख लोगों के समक्ष शपथ लेने के बाद ट्रंप ने अमेरिकी जनता और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का धन्यवाद किया। अमेरिकी परंपरा के अनुसार उन्होंने ऐतिहासिक ‘लिंकन बाइबिल’ पर हाथ रखकर शपथ ली। वैसे इस बेहद खास मौके पर उनकी मां की बाइबिल भी उनके साथ थी। गौरतलब है कि 70 साल के ट्रंप अमेरिका के सबसे ज्यादा उम्र के राष्ट्रपति हैं।
इस अवसर पर दिए गए अपने भाषण में ट्रंप ने कहा कि बात करने का समय खत्म हुआ अब केवल काम होगा। हम किसी भी रंग के हों, लेकिन हम सभी अमेरिकी हैं। हम धरती से कट्टर इस्लामिक आतंकवाद को मिटा देंगे। हम ‘बाय अमेरिकन’ और ‘हायर अमेरिकन’ की पॉलिसी पर चलेंगे। अमेरिकियों ने जो भी खोया है, मैं वादा करता हूं उसे वापस दिलाऊंगा। हम दोबारा जॉब्स लेकर आएंगे और अपनी सरहदों को सुरक्षित करेंगे। 20 जनवरी 2017 का दिन याद रखा जाएगा। अब जनता शासन करेगी। हम भविष्य की बात करेंगे। आज से सिर्फ अमेरिका फर्स्ट। ट्रेड, टैक्सेस, फॉरेन अफेयर्स के फैसले अमेरिका के हित में होंगे। हम कभी ऐसे नेताओं को मंजूर नहीं करेंगे जो सिर्फ बातें करते हैं। उन्होंने कहा कि ये मायने नहीं रखता कि अमेरिका में किस पार्टी की सरकार है। अब अमेरिका पर जनता का राज है। अमेरिकी सरकार में लोगों की भागीदारी बढ़ेगी।
गौर से देखें तो राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ट्रंप और राष्ट्रपति ट्रंप के तेवरों में ज्यादा फर्क नहीं दिखता। ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या ट्रंप अपने वादे पूरे करेंगे? फिलहाल तो उनको लेकर अंतर्राष्ट्रीय राजनीति से लेकर बाज़ार तक में अनिश्चितता का माहौल है और उनके तमाम बड़े वादों पर दुनिया नज़र रख रही है। वैसे, कामकाज के दौरान उनके विचार बदलेंगे, ऐसा मानने वालों की भी कमी नहीं है।
चलते-चलते बता दें कि एक तरफ जहाँ लाखों लोग ट्रंप के शपथ-ग्रहण समारोह में शरीक हुए, वहीं हजारों लोग ऐसे भी थे जो उसी दिन उनके विरोध में सड़कों पर उतरे। शिकागो और सेन फ्रांसिस्को समेत अमेरिका के कई शहरों में लोग ‘स्टॉप ट्रंप’ जैसे नारे लगाते हुए गलियों में उतर आए। ट्रंप के शपथ-ग्रहण समारोह के दौरान वाशिंगटन डीसी में भी कई जगह विरोध-प्रदर्शन हुए और कुछ जगहों पर तो इसने हिंसक रूप भी ले लिया। ख़बर है कि इन घटनाओं के बाद पुलिस ने लगभग 100 लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
बोल डेस्क