21 जनवरी, ये तारीख इतिहास में दर्ज हो गई – बिहार, भारत और विश्व के ही नहीं, सम्पूर्ण मानवता के इतिहास में। एक समय में, एक साथ और एक उद्देश्य से तीन करोड़ से भी ज्यादा लोग जुटे हों और सभी के हाथ एक-दूसरे से जुड़े हों – क्या ये बात कल्पनातीत नहीं लगती। पर बिहार ने ऐसी कल्पना की और उस कल्पना को जमीन पर उतार कर भी दिखा दिया। बिहार, जिसने संसार को शून्य (आर्यभट्ट) और पहला गणतंत्र (वैशाली) दिया, बुद्ध का ज्ञान और महावीर का मंत्र दिया, गांधी का सत्याग्रह और जेपी की सम्पूर्ण क्रांति दी, उसी बिहार ने आज संसार को इतिहास की सबसे लंबी मानव-श्रृंखला दी और नशे से मुक्ति का सबसे बड़ा संदेशवाहक बन गया।
शराबबंदी के समर्थन में 11, 292 किलोमीटर लंबी मानव-श्रृंखला बनाकर बिहार ने सचमुच इतिहास रच दिया। इससे पहले 2004 में बांग्लादेश में प्रतिपक्ष ने सरकार के खिलाफ 1050 किमी मानव-श्रृंखला बनाई थी, जो कि बिहार की उपलब्धि के आगे कहीं नहीं टिकती। तभी तो इस श्रृंखला को विश्व रिकॉर्ड में शामिल करने के लिए लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लोग भी राजघानी पटना में मौजूद रहे।
गौरतलब है कि दिन में 12.15 से 1 बजे के बीच आयोजित इस मानव-श्रृंखला की तस्वीर लेने के लिए तीन उपग्रहों तथा 40 ड्रोनों का इस्तेमाल किया गया। तीन उपग्रहों में एक विदेशी तथा दो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के थे। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार के चार हेलीकॉप्टरों से भी एरियल फोटोग्राफी और विडियोग्राफी की गई।
वैसे तो इस मानव-श्रृंखला का आयोजन बिहार सरकार ने किया लेकिन दलगत राजनीति से ऊपर उठकर तमाम दलों ने इसमें जिस तरह बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया वह काबिलेतारीफ है। विभिन्न राजनीतिक दलों के अधिकांश सांसद, विधायक एवं विधानपार्षद इस मौके के गवाह बने। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने पटना के गांधी मैदान में इस अभियान में हिस्सा लिया।
सरकारी कर्मचारी हों या स्कूली छात्र-छात्रा, विशिष्ट जन हों या आम नागरिक, स्त्री हों या पुरुष, बच्चे हों या बूढ़े सबके चेहरे पर अद्भुत उत्साह, सभी गर्व से ओतप्रोत। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संकल्प को जिस तरह पूरे राज्य की जनता ने साकार किया वो पूरी दुनिया के लिए मिसाल है। काश कुछ ऐसा ही हम अशिक्षा, दहेज-प्रथा, कन्या-भ्रूण-हत्या और चरम पर पहुँचे भ्रष्टाचार आदि के विरोध में भी कर पाएं!
‘बोल बिहार’ के लिए डॉ. ए. दीप