आम आदमी पार्टी के मुखर नेता और चर्चित कवि डॉ. कुमार विश्वास भाजपा का दामन थाम सकते हैं! जी हाँ, कहा जा रहा है कि पिछले कुछ महीनों से वे भाजपा नेताओं के साथ नज़र आ रहे हैं। भाजपा के साथ उनकी बढ़ती नजदीकी का मतलब उस समय और स्पष्ट हो गया जब पंजाब के लिए जारी ‘आप’ की स्टार प्रचारकों की लिस्ट से पार्टी के इस बेजोड़ वक्ता का नाम नदारद था। इन दिनों वे न तो पंजाब और न ही गोवा, जहाँ उनके व्यस्त होने की बात कही जा रही थी, की रैलियों में नज़र आ रहे हैं। राजनीति के जानकारों का कहना है कि अब इसमें कोई संदेह नहीं कि ‘आप’ से कुमार का विश्वास टूट गया है।
मीडिया में आ रही ख़बरों की मानें तो कुमार विश्वास गाजियाबाद जिले की साहिबाबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। भाजपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक उनके साथ पार्टी की बातचीत अंतिम चरण में है। वैसे भी इस बारे में फैसला लिए जाने में ज्यादा देर नहीं की जाएगी, क्योंकि यूपी विधानसभा चुनाव के लिए प्रक्रिया 17 जनवरी से शुरू हो चुकी है। बताया जा रहा है कि इस सिलसिले में कुमार विश्वास जल्द ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिल सकते हैं और एक-दो दिनों में इसका ऐलान हो सकता है।
बहरहाल, कुमार विश्वास का ‘विश्वास’ केजरीवाल और ‘आप’ से क्यों टूटा, मोदी और भाजपा से उनका ‘विश्वास’ क्यों जुड़ा, कभी लोकसभा के लिए अमेठी से राहुल गांधी और स्मृति ईरानी को टक्कर देनेवाले इस ‘महत्वाकांक्षी’ कवि को विधानसभा चुनाव लड़कर क्या हासिल होगा – इन तमाम सवालों के जवाब हम आने वाले समय में ही जान पाएंगे, पर ‘आप’ से अगर उनका नाता टूट जाता है तो यह पार्टी के लिए एक बड़ा झटका होगा। वैसे ये बात अलग है कि कुमार विश्वास ट्विटर के माध्यम से इन कयासों का मजाक उड़ा रहे हैं और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी उसी अंदाज में इस संभावना को खारिज कर रहे हैं।
‘बोल बिहार’ के लिए डॉ. ए. दीप