बिहार के शहर ही नहीं गांवों को भी ‘स्मार्ट’ बनाने में जुटे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार ने सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में नि:शुल्क वाई-फाई सुविधा मुहैया कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने युवकों से कहा कि इस सुविधा का उपयोग किताब डाउनलोड करने में करें न कि फिल्म देखने में।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्णिया में अपनी निश्चय यात्रा के दौरान चेतना सभा को संबोधित करते हुए कहा कि नि:शुल्क वाई-फाई बिहार सरकार के ‘सात निश्चय’ का हिस्सा है, जिसे राज्य की महागठबंधन सरकार ने सुशासन को बढ़ावा देने के लिए अपनाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुविधा इसलिए दी जाएगी क्योंकि महसूस किया गया कि जीवन में अच्छा करने के लिए युवकों को ‘डिजिटल रूप से स्मार्ट’ बनना चाहिए। बहरहाल ऐसा प्रतीत होता है कि पटना में इस सुविधा का उपयोग पढ़ने-लिखने के काम से ज्यादा फिल्म डाउनलोड करने में होता है और इस मामले में सचिवालय के अधिकारी भी पीछे नहीं हैं। उन्होंने नि:शुल्क वाई-फाई के दुरुपयोग का उदाहरण देते हुए कहा कि “यह हमारे संज्ञान में आया कि एक व्यक्ति ने शहर के 22 किलोमीटर के दायरे में 300 फिल्में डाउनलोड की हैं जहाँ यह सुविधा उपलब्ध है।”
मुख्यमंत्री ने वाई-फाई व इंटरनेट के दुरुपयोग को रेखांकित कर निश्चित रूप से बड़ा महत्वपूर्ण कार्य किया है, क्योंकि इस सुविधा के दुरुपयोग का दायरा दिन—ब-दिन बढ़ता जा रहा है। शहरों की तो बात ही छोड़ दें, दूर देहात में भी युवक, किशोर और यहाँ तक कि बच्चे भी इंटरनेट के माध्यम से मोबाइल पर गाने सुनते, फिल्में देखते और गेम खेलते मिल जाएंगे। इस बात का और गंभीर पहलू यह है कि वे जो कुछ देख रहे होते हैं उसका अधिकांश अश्लील होता है।
इसमें कोई दो राय नहीं कि वाई-फाई या इंटरनेट जैसी सुविधा का उपयोग सूचना प्राप्त करने, ज्ञान अर्जित करने और देश-दुनिया से जुड़े रहने के लिए हो तो हमारी वर्तमान पीढ़ी बिना संदेह ‘डिजिटल रूप से स्मार्ट’ होगी। लेकिन हो यह रहा है कि उन्हें इसके दुरुपयोग की लत लग रही है और फिर वे इसके मायाजाल में उलझते चले जा रहे हैं। इसका निदान यह है कि बिहार के मुख्यमंत्री ने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में मुफ्त वाई-फाई देने को जिस तरह अपने सात निश्चय में शामिल किया है, उसी तरह इसके सदुपयोग के प्रति छात्रों को सजग, सचेत और जागृत करने को भी उसमें शामिल करें। सच्चे अर्थों में ‘स्मार्ट पीढ़ी’ और ‘स्मार्ट राज्य’ का लक्ष्य तभी पूरा होगा।
‘बोल बिहार’ के लिए डॉ. ए. दीप