पतंजलि आयुर्वेद के मुखिया बाबा रामदेव ने अपनी कारोबारी विरासत के उत्तराधिकारी को लेकर बड़ा खुलासा किया है। योगगुरु ने शुक्रवार सुबह ट्वीट कर बताया कि “पतंजलि का उत्तराधिकारी कोई व्यापारी नहीं होगा। ये संन्यासी पुरुष और महिलाएं ही रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की विरासत को संभालेंगे।” पतंजलि आयुर्वेद की कमान फिलहाल रामदेव के करीबी सहयोगी आचार्य बालकृष्ण संभालते हैं। उनके पास सीईओ की जिम्मेदारी है। पूरे समूह की जिम्मेदारी संभालने में बाबा रामदेव के छोटे भाई भरत यादव भी बालकृष्ण का सहयोग करते हैं।
बहरहाल, पतंजलि का साम्राज्य जिस रफ्तार से बढ़़ रहा है, उसे देखकर तमाम राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां सकते में हैं। बीते मंगलवार को एक मीडिया इवेंट में बाबा रामदेव ने कहा कि पतंजलि ने 2020 तक अपने उत्पादन को 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने बताया कि “पतंजलि ने बीते 4 साल में लगातार 100 पर्सेंट की ग्रोथ हासिल की है। इस साल भी हम इसी रफ्तार से आगे बढ़ रहे हैं। अगले दो से तीन साल में हमारा लक्ष्य इनहाउस प्रोडक्शन को 50,000 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का है। हम 2020 तक अपने प्रोडक्शन को 1,00,000 करोड़ तक बढ़ाना चाहते हैं।”
इस मौके पर बाबा रामदेव ने स्वदेशी ब्रांड को बढ़ावा देने की अपील करते हुए एक बड़ी महत्वपूर्ण कही कि हम हर साल 25 लाख करोड़ रुपये के प्रोडक्ट का आयात करते हैं और इतनी ही राशि मल्टीनेशनल कंपनियां देश से बाहर ले जाती हैं। यदि हमें विदेशी कंपनियों पर अपनी निर्भरता को कम करना है तो इनहाउस प्रोडक्शन को बढ़ाना होगा।” उन्होंने जोर देकर कहा कि “हमारा लक्ष्य भारतीय एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देना है।”
बोल डेस्क