ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी यूनियन द्वारा आयोजित एक बातचीत में मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने कहा कि इंसान को पृथ्वी से परे रहने लायक दूसरे ग्रह की तलाश करनी होगी। उन्होंने आगाह किया कि अपनी ‘नाजुक’ पृथ्वी पर इंसान अब एक हजार साल से अधिक बचा नहीं रह सकता। गौर करने की बात है कि प्राकृतिक सीमाओं के कारण ही नहीं, मनुष्य अपनी भूलों के कारण भी महाविनाश की ओर बढ़ रहा है। हॉकिंग ने इस बात को लेकर सचेत किया कि पृथ्वी पर जीवन किसी आपदा से अचानक नष्ट हो जाने के खतरे की ओर लगातार बढ़ रहा है। अचानक परमाणु युद्ध, जैविक रूप से परिवर्तित वायरस या कृत्रिम बुद्दि से बढ़ता खतरा ऐसी चीजें हैं, जो जीवन को समाप्त कर सकती है।
ब्रह्मांड की उत्पत्ति के सिद्धांतों की चर्चा करते हुए वरिष्ठ भौतिकविज्ञानी ने कहा कि शायद एक दिन हम गुरुत्वाकर्षण तरंगों का इस्तेमाल करके अतीत में हुए महाविस्फोट (बिग बैंग, जिससे ब्रह्मांड पैदा हुआ) को देख सकेंगे। वास्तविकता यह है कि हम इंसान खुद ही प्रकृति के बुनियादी कणों का संग्रह मात्र हैं। हॉकिंग ने कहा, ब्रह्मांड विज्ञान में हालिया उन्नति की बदौलत हम अंतरिक्ष का अबाध नजारा देख पा रहे हैं। लेकिन हमें मानवता के भविष्य के लिए अंतरिक्ष में जाना जारी रखना चाहिए।
प्रोफेसर हॉकिंग के अनुसार यह जीवित रहने और सैद्धांतिक भौतिकी में शोध करने का शानदार समय है। उन्होंने कहा कि बीते 50 साल में ब्रह्मांड की हमारी तस्वीर काफी बदल चुकी है। मुझे खुशी होगी अगर इसमें मैंने भी थोड़ा योगदान दिया है। बातचीत में मौजूद छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि तारों को निहारना याद रखो और कदमों को न देखो। उन्होंने लोगों से अंतरिक्ष यात्राओं में और अधिक दिलचस्पी लेने का अनुरोध किया।
बोल डेस्क