कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का पार्टी अध्यक्ष चुना जाना अब महज औपचारिकता रह गई है। नियुक्ति का अधिकार रखने वाली कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) ने उनसे सर्वसम्मति से अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने की अपील की। यह जानकारी सीडब्ल्यूसी की ताजा बैठक के बाद वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने दी। बता दें कि सीडब्ल्यूसी ने पहली बार राहुल से अध्यक्ष पद संभालने की अपील की है। इससे पहले निजी तौर पर पार्टी नेता राहुल को अध्यक्ष बनाने की मांग करते रहे हैं। यह भी बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तबीयत खराब होने की वजह से इस बैठक से गैरहाजिर रहीं, और यह पहला मौका था जब उनकी जगह अध्यक्षता राहुल गांधी ने की।
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक चार घंटे चली सीडब्ल्यूसी की बैठक में एंटनी ने राहुल से केन्द्र की जनविरोधी नीतियों और साम्प्रदायिक शक्तियों के खिलाफ जनसम्पर्क अभियान चलाने के लिए अध्यक्ष पद संभालने की अपील की। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत अन्य नेताओं ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। इसके साथ ही कांग्रेस के राहुल युग का रास्ता साफ हो गया।
जहाँ तक राहुल की ताजपोशी की औपचारिक घोषणा का प्रश्न है, तो वह अब केवल वक्त की बात है। दरअसल ये पहला मौका है जब खुद राहुल भी इस जिम्मेदारी के लिए तैयार दिखे। अगर सोनिया अस्वस्थ नहीं होतीं तो संभवत: ये औपचारिकता भी पूरी कर ली जाती। ये रस्मअदायगी फिलहाल टली जरूर है लेकिन उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले इसे पूरी करना लगभग तय है।
देश के मौजूदा सियासी माहौल और कांग्रेस के सामने खड़ी चुनौतियों को देखते हुए राहुल गांधी के नेतृत्व में ही पार्टी को आगे बढ़ाने का फैसला राजनीतिक तौर पर एक बड़ा फैसला है। ऐसा कर सीडब्ल्यूसी ने न केवल राहुल के नेतृत्व पर सवाल उठाने की हर गुंजाइश खत्म कर दी, बल्कि कांग्रेस के भीतर पनप रही अनिश्चितताओं पर भी विराम लगा दिया। उम्मीद की जानी चाहिए कि अब पार्टी बिना और भटके आगे के सफर पर मुस्तैदी से निकलेगी।
‘बोल बिहार’ के लिए डॉ. ए. दीप