यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मैं इस लिवरहल्म सेंटर फॉर द फ्यूचर ऑफ इंटिलिजेंस के उद्घाटन समारोह का हिस्सा हूं। हमने काफी वक्त इतिहास के अध्ययन में खर्च किया है, जो ज्यादातर मूर्खताओं का इतिहास है। लिहाजा यह एक सुखद बदलाव है कि लोग अब इतिहास की बजाय इंटेलिजेंस के भविष्य को जानने की कोशिश कर रहे हैं।
इंटिलिजेंस यानि अक्लमंद होना मानव का मुख्य गुण है। हमारी सभ्यता ने जो कुछ भी उपलब्धियां हासिल की हैं, वे मानव-बुद्धि का नतीजा हैं। फिर चाहे आग के इस्तेमाल में महारत हासिल करना हो, अनाज उपजाना हो या ब्रह्मांड को समझना। मेरा मानना है कि नैसर्गिक बुद्धि से अर्जित मुकाम और कम्प्यूटर जैसे कृत्रिम दिमाग के बूते हासिल उपलब्धियों में बहुत बड़ा फर्क नहीं है। फिर भी कह सकते हैं कि सैद्धांतिक रूप से कम्प्यूटर मानव बुद्धि का मुकाबला कर सकता है, और उससे आगे भी जा सकता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर दुनिया भर में अध्ययन तेज हुए हैं। इसमें भारी निवेश भी हो रहा है। स्वचालित कारों का निर्माण हो या कम्प्यूटर का गो (खेल) जीतना जैसी उपलब्धियां – यह बताने को काफी है कि हम किधर जा रहे हैं? बुद्धिमत्ता सृजन के लाभ काफी व्यापक हैं। अब हमारा दिमाग किसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित होगा, तो हम किस उपलब्धि को पा सकते हैं, यह अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता। संभव है कि इस नई क्रांति के बूते हम उस नुकसान की भरपाई भी कर सकें, जो औद्योगिकीकरण की वजह से इस संसार को हुआ है। इसके पास यह ताकत भी है एक हम गरीबी और बीमारी को खत्म करने का अपना लक्ष्य पाने में सफल होंगे। संक्षेप में कहें, तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का निर्माण हमारी सभ्यता के इतिहास की सबसे बड़ी घटना होगी। हालांकि सच यह भी है कि अगर हमने इसके जोखिम से बचने का तरीका नहीं ढूंढ़ा, तो सभ्यता खत्म भी हो सकती है। तमाम लाभ के बावजूद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अपने खतरे हैं। इसकी मदद से शक्तिशाली स्वचालित हथियार बन सकते हैं या फिर ऐसे उपकरण, जिनके सहारे चंद लोग एक बड़ी आबादी का शोषण कर सकें। यह अर्थव्यवस्था को भी बड़ी चोट पहुँचा सकती है। यह भविष्य में अपनी सोच भी विकसित कर सकती है, जिसका हमारे साथ संघर्ष हो सकता है।
कुल मिलाकर एक सशक्तिशाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उदय हमारे लिए फायदेमंद भी होगा और नुकसानदेह भी। फिलहाल हम नहीं जानते हैं कि इसका स्वरूप आगे क्या होगा? इसीलिए मैंने और कुछ अन्य लोगों ने इस संदर्भ में और ज्यादा शोध किए जाने की बात कही थी। मुझे खुशी है कि मेरी यह बात सुनी गई है। निश्चय ही, इस सेंटर में होने वाले शोध हमारी सभ्यता और मानव जाति, दोनों के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
[प्रसिद्ध वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में दिया गया भाषण]