कानपुर में खेला गया भारत का 500वां टेस्ट तीन कारणों से याद रखा जाएगा। पहला कारण तो स्पष्ट तौर पर इसका पाँच सौवां टेस्ट होना है। कहने की जरूरत नहीं कि पहले टेस्ट से यहाँ तक का सफर शून्य से शिखर का सफर है, जो संघर्ष और साहस से भरे कई पलों और पड़ावों से गुजर कर तय किया है हमने। दूसरा, इस टेस्ट में न्यूजीलैंड पर जीत के साथ टीम इंडिया की जीत की अनोखी हैट्रिक। जी हाँ, हैट्रिक। याद दिला दें कि भारत ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना 300वां और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 400वां टेस्ट भी जीता था। और तीसरा यह कि इस टेस्ट में अपना 200वां विकेट लेकर भारत के फिरकी गेंदबाज आर. अश्विन टेस्ट में सबसे तेज 200 विकेट लेने वाले दुनिया के दूसरे और भारत के पहले गेंदबाज बन गए हैं। अश्विन ने यह ऐतिहासिक उपलब्धि अपने 37वें टेस्ट में न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन को आउट कर हासिल की।
भारतीय क्रिकेटरों में अश्विन से पहले सबसे तेज 200 विकेट लेने का रिकॉर्ड हरभजन सिंह के नाम था। हरभजन ने 46 टेस्ट खेल कर यह रिकॉर्ड बनाया था, वहीं भारत की ओर से सर्वाधिक विकेट लेने वाले अनिल कुंबले ने यह कीर्तिमान 47वें टेस्ट में बनाया था। कुंबले के बाद इस फेहरिस्त में भागवत चन्द्रशेखर (48 टेस्ट), कपिल देव (50 टेस्ट), बिशन सिंह बेदी (51), जवागल श्रीनाथ (54 टेस्ट), जहीर खान (63 टेस्ट) और इशांत शर्मा (65 टेस्ट) के नाम आते हैं।
विश्व-क्रिकेट की बात करें तो सबसे तेज 200 विकेट लेने में अश्विन से आगे अब सिर्फ ऑस्ट्रेलिया के क्लेरी ग्रिरीमेट हैं जिन्होंने 36 मैचों में 200 विकेट लिए थे, जबकि दूसरे पायदान पर अश्विन के आ जाने के बाद अब डेनिस लिली (38 टेस्ट) और डेल स्टेन जैसे नाम उनसे पीछे हो गए हैं।
भारतीय टीम का अपरिहार्य अंग बन चुके अश्विन सर्वाधिक ‘मैन ऑफ द सीरीज’ जीतने वाले भारतीय क्रिकेटर होने का गौरव भी रखते हैं। वे अब तक सात बार 4 और उन्नीस बार 5 विकेट चटका चुके हैं, जबकि एक टेस्ट में 10 विकेट लेने का कमाल वे पाँच बार कर चुके हैं।
अपनी फिरकी से बल्लेबाजों को छकाने वाले अश्विन बल्लेबाजी में भी दखल रखते हैं। आज की तारीख में आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में वे दुनिया के नंबर एक ऑलराउंडर हैं और ना केवल 203 विकेट बल्कि चार शतक और छह अर्द्धशतक के साथ 1479 रन भी उनके नाम पर दर्ज हैं। कहना गलत ना होगा कि उन्होंने जैसी ऊर्जा, लगन और प्रतिभा दिखाई है, उसकी बदौलत वे बहुत जल्द क्रिकेट का आसमान छू रहे होंगे।
‘बोल बिहार’ के लिए डॉ. ए. दीप