प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल अपने मंत्रिमंडल में बहुप्रतीक्षित फेरबदल करते हुए कैबिनेट में 19 नए मंत्रियों को शामिल किया। इसके साथ ही कई मंत्रियों के विभागों में भी बड़ा फेरबदल किया गया। स्मृति ईरानी से मानव संसाधन विकास मंत्रालय का कार्यभार लेकर उन्हें कम महत्व वाले कपड़ा मंत्रालय की जिम्मेदारी दे दी गई वहीं अब तक पर्यावरण मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कद बढ़ाते हुए उन्हें यह अहम मंत्रालय सौंपा गया।
कैबिनेट में उठापटक के बाद संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद भी ताकतवर बनकर उभरे हैं। सदानंद गौड़ा से लेकर उन्हें कानून मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। गौड़ा अब सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय का काम देखेंगे। वहीं शहरी विकास मंत्री एम वैंकेया नायडू को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया है। हालांकि उनसे संसदीय कार्य मंत्रालय की जिम्मेदारी वापस ले ली गई है। यह जिम्मेदारी अब रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार संभालेंगे।
एक अन्य बदलाव के तहत नरेन्द्र सिंह तोमर को ग्रामीण विकास मंत्री बनाया गया है। इस विभाग को अब तक हरियाणा के जाट नेता चौधरी बीरेन्द्र सिंह देख रहे थे। अब बीरेन्द्र सिंह इस्पात मंत्रालय देखेंगे। पहले यह मंत्रालय तोमर के पास था। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा के पुत्र जयंत सिन्हा को वित्त मंत्रालय से हटाकर नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री बनाया गया है। इस पद पर अब तक महेश शर्मा थे। शर्मा अब सिर्फ संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालेंगे।
मंत्रिमंडल में शामिल किए गए नए चेहरों में विजय गोयल, एमजे अकबर, एसएस अहलूवालिया, अनुप्रिया पटेल (अपना दल) और रामदास अठावले (आरपीआई) के नाम महत्वपूर्ण हैं। विजय गोयल को युवा मामलों एवं खेल मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार का राज्य मंत्री बनाया गया है। असम का ‘सिंहासन’ मिलने से पहले इस मंत्रालय को सर्वानंद सोनोवाल सम्भाल रहे थे। एमजे अकबर को विदेश राज्य मंत्री बनाया गया है। बता दें कि विदेश मंत्रालय में वीके सिंह एक अन्य राज्य मंत्री हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार में प्रधानमंत्री मोदी ने दलित चेहरों को खास तवज्जो दी है। आरपीआई के अठावले (महाराष्ट्र) के अतिरिक्त कल शामिल किए गए मंत्रियों में अजय टम्टा (उत्तराखंड), अर्जुन राम मेघवाल (राजस्थान), कृष्णा राज (उत्तर प्रदेश) और रमेश सी जीगाजिनगी (कर्नाटक) भी दलित समुदाय से आते हैं। वैसे इस विस्तार में मोदी की नज़र उन राज्यों पर भी रही है जहाँ आगे चुनाव होने हैं। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश से जहाँ तीन-तीन वहीं राजस्थान से चार मंत्री कैबिनेट में शामिल किए गए हैं।
कल के फेरबदल में पाँच मंत्रियों को बाहर का रास्ता भी देखना पड़ा है। कैबिनेट से बाहर किए गए पाँच मंत्री हैँ – रसायन और उर्वरक मंत्री निहाल चंद, मानव संसाधन राज्य मंत्री रामशंकर कठेरिया, आदिवासी कल्याण राज्य मंत्री मनसुख भाई वसावा और जल संसाधन राज्य मंत्री सांवर लाल जाट। वहीं हटाए जाने की तमाम अटकलों के बावजूद नजमा हेपतुल्ला, कलराज मिश्र और गिरिराज सिंह अपना मंत्रीपद बचाने में सफल रहे।
अन्त में एक बार फिर बात स्मृति ईरानी की। ‘महत्वहीन’ कपड़ा मंत्रालय दिए जाने के बाद जहाँ ये माना जा रहा है कि उनका कद घटा दिया गया है, वहीं ये कयास लगाने वालों की भी कमी नहीं है कि स्मृति को 2017 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में भाजपा के प्रचार का चेहरा बनाया जा रहा है और इसी कारण उन्हें यह ‘महत्वहीन’ मंत्रालय दिया गया है ताकि वो प्रचार के लिए ज्यादा वक्त निकाल सकें।
‘बोल बिहार’ के लिए डॉ. ए. दीप