किसी के घर की बेरीकेडिंग की गई हो, उसकी सुरक्षा में एक नहीं, दो नहीं, पूरे अड़तालीस सुरक्षाकर्मी लगाए गए हों और सरकार का पूरा तंत्र उसकी ‘सेवा’ में जुटा हो तो स्वाभाविक तौर पर हम और आप यही सोचेंगे कि वो उस देश के ‘अतिविशिष्ट’ व्यक्तियों में एक होगा। पर जब आपको कहा जाय कि सुविधा और सुरक्षा के ये सारे इंतजामात एक कुख्यात आतंकी के लिए हैं, तो क्या कहेंगे आप..? जी हाँ, चौंकिए नहीं। अनैतिकता की सारी हदें पार कर ये सारा कुछ हमारा पड़ोसी पाकिस्तान ‘लश्कर ए तैयबा’ और ‘जमात उद दावा’ के सरगना और मुंबई हमलों के मास्टर माइंड हाफिज मोहम्मद सईद के लिए कर रहा है।
भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले हाफिज सईद को पाकिस्तान में सुरक्षा पहले भी हासिल थी लेकिन हाल ही में भारत पर एटमी हमले की धमकी देने के बाद उसके सुरक्षा गार्डों की संख्या दोगुनी कर दी गई है और उसके घर से 300 मीटर दूर चार बेरीकेड लगाए गए हैं। लाहौर के जौहर टाउन के ई ब्लॉक स्थित उसके घर में अब 48 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं, जो 16-16 की संख्या में तीन पालियों में काम करते हैं। सरकारी सुरक्षा के अतिरिक्त ‘जमात उद दावा’ के हथियारबंद सदस्य भी सईद की सुरक्षा में तैनात रहते हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक सईद से उसकी गतिविधियों को भी सीमित करने को कहा गया है। यही नहीं, सईद के साले अब्दुल रहमान मक्की की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।
भारत पर एटमी हमले की धमकी जैसी हिमाकत के बाद जिस कुख्यात आतंकी को रौंद देना चाहिए था उसे पाक ने अब पलकों पर बिठा लिया है। हथेली पर तो वो पहले से था ही। पाकिस्तान की कथनी-करनी का ये फर्क पहली बार सामने नहीं आया है। अपने कूटनीतिक बयानों में पाक चाहे लाख आतंक के खिलाफ होने की बात करे लेकिन वास्तव में वो आतंकियों को ना केवल पनाह देता है बल्कि उनकी ‘सुविधा’ और ‘सुरक्षा’ का ख्याल ऐसे रखता है जैसे वो देश की ‘धरोहर’ हों।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और भारत समेत कई देशों के प्रतिबंध के बावजूद पाकिस्तान सईद पर कार्रवाई नहीं कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने दिसंबर 2008 में ‘जमात’ को आतंकी संगठन और सईद को मोस्ट वांटेड आतंकी घोषित किया था, अमेरिका ने उसके सिर पर दस लाख डॉलर का इनाम रखा है और भारत तो सईद को सौंपने की मांग करता ही रहा है। इसके बावजूद सईद ना केवल पाकिस्तान में खुलेआम सभाएं करता है बल्कि भारत और अमेरिका को धमकियां देने से भी बाज नहीं आता। काश, बारूद की ढेर पर बैठे पाक को कोई समझा पाए कि वह लगातार ‘आग’ से खेल रहा है, जबकि उसकी ‘विनाशलीला’ के लिए बस एक ‘चिंगारी’ ही काफी है।
‘बोल बिहार’ के लिए डॉ. ए. दीप