अफगानिस्तान ने कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘अमीर अमानुल्ला खान अवार्ड’ से नवाजा। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने उन्हें इस अवार्ड से सम्मानित किया। इससे पहले दोनों देशों के नेताओं ने संयुक्त रूप से ‘अफगान-भारत मैत्री बांध’ का उद्घाटन किया। भारत की सहायता से हेरात प्रांत में बनाए गए इस बांध को पूर्व में ‘सलमा बांध’ के नाम से जाना जाता था। चिश्त ए शरीफ नदी के ऊपर बने इस बांध से 75 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया जा सकेगा और साथ ही 42 मैगावाट बिजली का उत्पादन किया जा सकेगा।
बता दें कि पूर्वी, मध्य और दक्षिण एशिया के प्राचीन कारोबारी मार्ग पर पड़ने और यहाँ से ईरान, तुर्कमेनिस्तान तथा अफगानिस्तान के अन्य हिस्सों की सड़कें होने के कारण हेरात प्रांत का विशेष रणनीतिक महत्व है। पिछले महीने भारत, ईरान और अफगानिस्तान ने ईरान के चाबहार में एक कारोबार एवं परिवहन गलियारा स्थापित करने के लिए एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
ज्ञातव्य है कि अफगानिस्तान पाँच राष्ट्रों की यात्रा पर निकले प्रधानमंत्री मोदी का पहला पड़ाव है। अफगानिस्तान के बाद मोदी कतर, स्विटजरलैंड, अमेरिका और मैक्सिको जाएंगे। स्मरणीय है कि मोदी पिछले साल दिसंबर में भी अफगानिस्तान की यात्रा पर आए थे और इस दौरान उन्होंने नौ करोड़ डॉलर की कीमत से भारत द्वारा निर्मित संसद भवन परिसर का उद्घाटन किया था।
भारत की अभिरुचि आर्थिक रूप से स्थायी, राजनीतिक रूप से स्थिर एवं सामाजिक रूप से समावेशी अफगानिस्तान में निहित है और यह अकारण नहीं है। दोनों देश इस सत्य से भलीभाँति वाकिफ हैं कि उनके दिन-ब-दिन ‘प्रगाढ़’ होते संबंध ना केवल कूटनीतिक बल्कि सामरिक और आर्थिक लिहाज से भी कितने महत्वपूर्ण हैं।
‘बोल बिहार’ के लिए डॉ. ए. दीप