भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी पुडुचेरी की लेफ्टिनेंट गवर्नर (एलजी) होंगी। केन्द्र के प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज उन्हें पुडुचेरी का एलजी नियुक्त किया। दिल्ली के मुख्यमंत्री और अन्ना आन्दोलन के दौरान उनके साथी रहे अरविन्द केजरीवाल ने उन्हें इस नई जिम्मेदारी के लिए जहाँ बधाई दी, वहीं चर्चित कवि और केजरीवाल के करीबी कुमार विश्वास ने उन पर तंज कसते हुए ट्वीट किया – “वो जो फिरता था लिए हाथ में सूरज कल तक, आज खैरात में जुगनू बटोर कर खुश है।”
किरण बेदी जैसी शख़्सियत के लिए ‘खैरात’ जैसे शब्द का प्रयोग निहायत आपत्तिजनक है। 1972 में देश की पहली महिला आईपीएस बनने वाली किरण ने 35 सालों तक पुलिस में अपनी सेवा दी। इस दौरान वो तिहाड़ जेल की आईजी भी रहीं। उनकी कर्तव्यनिष्ठता और ईमानदारी की आज भी मिसाल दी जाती है। अपने काम के लिए देश और दुनिया में प्रतिष्ठित किरण को अपने लिए किसी ‘खैरात’ की जरूरत शायद ही पड़े। चाहे वो ‘खैरात’ कितनी ही बड़ी क्यों ना हो..?
ये सही है कि 2015 में किरण दिल्ली में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार थीं और इस चुनाव में भाजपा को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। यहाँ तक कि स्वयं किरण बेदी भी भाजपा का गढ़ मानी जाने वाली कृष्णानगर सीट से चुनाव हार गई थीं। पर एक तो राजनीति के अपने दाँव-पेंच होते हैं जिससे किरण का कभी कोई वास्ता नहीं रहा (ये अलग बात है कि अपने पूरे कैरियर में इसकी ‘शिकार’ वो कई बार हुईं)। दूसरे, किरण ने इस पद के लिए अपनी उम्मीदवारी भाजपा से मांगी नहीं थी बल्कि पार्टी ने उनकी लोकप्रियता भुनाने की खातिर उन्हें आगे बढ़कर ये ऑफर दिया था।
जो भी हो, किरण बेदी को पुडुचेरी का एलजी बनाए जाने के पीछे कई कयास लगाए जा रहे हैं। इसे उन्हें दिल्ली की राजनीति से दूर रखने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली भाजपा में बड़ा फेरबदल होने वाला है। संभव है कि पार्टी यहाँ जल्द ही किसी नए और चर्चित चेहरे को दिल्ली भाजपा का अध्यक्ष बनाए। इसके लिए नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी का नाम सबसे आगे चल रहा है। याद दिला दें कि दिल्ली चुनाव के दौरान मनोज तिवारी द्वारा किरण बेदी की ‘कार्यशैली’ पर की गई ‘टिप्पणी’ काफी चर्चा में रही थी।
बहरहाल, एलजी बनाए जाने पर किरण ने सरकार का आभार जताया। वो पुडुचेरी की 24वीं लेफ्टिनेंट गवर्नर होंगी। भाजपा ने उन्हें चाहे जिस भी कारण से दिल्ली से दूर भेजा हो, उन जैसी शख़्सियत का ऐसे किसी पद पर जाना स्वागतयोग्य है। जहाँ तक बात ‘जुगनू’ वाली है, कुमार विश्वास को इतना तो पता होना ही चाहिए कि लाखों लड़कियों व महिलाओं की आदर्श किरण में खुद की ‘इतनी’ रोशनी जरूर थी और है कि वो ‘जुगनू’ से भी जग को रोशन कर दे।
‘बोल बिहार’ के लिए डॉ. ए. दीप